Safar ki Dua

Safar ki Dua

Safar ki Dua  को हर कोई मुसलमान याद कर ले तो अच्छा हैं, क्योंकि अब हम उस ज़माने में आये हैं, जहाँ हर किसी को किसी न किसी वजह से सफर तो करना ही पड़ता हैं। यहाँ हम आपको सफर और उसके लिए की जाने वाली दुआ के बारे में पूरी जानकारी देंगे। सफर की वजह से हमें कईअच्छे अनुभव मिलते हैं, सफर के दौरान हम नयी जगहों और लोगोंको मिलते हैं, जो हमारे दिलोंमे घर कर जाते हैं। 

इससे हमें नए दोस्त और दूसरे कल्चर के बारे जानने मिलता हैं। सबसे जरूरी बात की इससे हमें रोज की जाने वाली चीजोंसे आज़ादी मिलती हैं, जिससे हमारा स्ट्रेस कम हो जाता हैं और हमें तरोताजा महसूस होता हैं। हम टीवी और इंटरनेट पर कई जगहोंको देखते हैं पर जो मजा उस जगह जाकर अनुभव करने में हैं, वो टीवी पर देखने में कहा। 

सफर पर निकलना बोहोत ही अच्छा अनुभव होता हैं , अगर आप इसे अच्छी तरह से प्लान करले। अगर आपने सब चीजे प्लान नहीं की तो आपको सफर के दौरान कई परेशानियोंका सामना करना पड़ सकता हैं। इस वेबसाइट पर हम आपके साथ हर जानकारी शेयर करेंगे जो आपको सफर के दौरान काम आएगी। इसमें से एक हैं की आप सफर को निकलने से पहले "Dua for Travel" को पढ़ ले।

Safar ki Dua 

सफर की दुआ को इस्लाम में शुरुवात से ही पढ़ा जाता हैं। कई लोग इसे अपने सफर के लिए इसका उपयोग करते है और फायदा उठाते हैं। इस दुआ को पढ़ने से आपको आपके सफर के खतरोंसे बचने में मदद मिलती हैं और अल्लाह पर आपका भरोसा बढ़ जाता हैं। जब आप इस दुआ को पढ़ेंगे तो आप यकीन करेंगे की अल्लाह आपको हर तरह की मुसिबतोंसे बचाएगा, इसलिए आपका सफर बिना किसी चिंता के पूरा हो जायेगा और आप सफर का पूरा मजा उठा पाएंगे। 

आप जब भी सफर करना चाहे तो आप सफर का इरादा कर ले। आपने सफर के लिए किसी गाड़ी का टिकट बुक किया होगा, तो उसे ध्यान से लेकर गाड़ी आने के वक्त से पहले १५ मिनट आप स्टेशन पर दाखिल हो, ताकि आपकी गाड़ी छूट न जाये। जब आप किसी रेलवे या बस में कदम रखे तब बिस्मिल्लाह कहे और बाद में आप निचे दी गयी दुआ को पढ़े।  

Safar ki Dua
 سُبْحَـٰنَ ٱلَّذِى سَخَّرَ لَنَا هَـٰذَا وَمَا كُنَّا لَهُۥ مُقْرِنِينَ وَإِنَّآ إِلَىٰ رَبِّنَا لَمُنقَلِبُونَ
सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबुन
Subha Nal Lazi Sakhkharlana Haaza wama kunna Lahu Muqrineen Wa Inna ilaa Rabbina Lamun Qaliboon.

आप जब भी सफर को निकलते हैं तो अगर आपको समय मिलता हैं तो आप नमाज अदा कर सकते हैं। आगरा आपने सफर को निकलने वाले दिन नमाज अदा नहीं भी की, तो आपके लिए इसे छूट दी जाती हैं। इसके बजाय आप दुआ पढ़ सकते हैं, जिसे Safar ki Dua कहा जाता हैं। ये दुआ आपको आने वाले खतरे और जादू से बचने में सक्षम हैं।  

अगर आपने सफर सुरु कर दिया हैं, फिर भी आपने दुआ को नहीं पढ़ा, पर आपको दुआ को पढ़ना हैं , तो अगली दुआ को पढ़ सकते हैं जो सफर के बिच की दुआ हैं। 

Safar ke Bich ki Dua

اللَّهُمَّ إِنَّا نَسْأَلُكَ فِي سَفَرِنَا هَذَا الْبِرَّ وَالتَّقْوَى وَمِنَ الْعَمَلِ مَا تَرْضَى اللَّهُمَّ هَوِّنْ عَلَيْنَا سَفَرَنَا هَذَا وَاطْوِ لَنَا بُعْدَهُ اللَّهُمَّ أَنْتَ الصَّاحِبُ فِي السَّفَرِ وَالْخَلِيفَةُ فِي الْأَهْلِ اللَّهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنْ وَعْثَاءِ السَّفَرِ وَكَآبَةِ الْمَنْظَرِ وَسُوءِ الْمُنْقَلَبِ فِي الْمَالِ وَالْأَهْلِ وَأَعُوذُ بِكَ مِنَ الْحُورِ بَعْدَ الْكُورِ وَدَعْوَةِ الْمَظْلُومِ

अल्लाहुम-म इन्ना नस् अलु-क फ़ी स-फ़-रिना हाज़ल बिर-र वत्तक़्वा व मिनल अ-म लि मा तर्ज़ा अल्लाहुम-म हव्विन अलैना स-फ़-र-ना हाजा़ वत्वि-ल-ना बुअ् द हू अल्लाहुम-म अन्तस्साहिबु फ़िस्स-फ़-रि वल ख़लीफ़तु फि़ल अहिल अल्लाहुम-म इन्नी अअूज़ुबि-क मिंव-वअ् साइस्स-फ़ रि व का ब ति ल मन्ज़रि व सूइल मुन्क़-ल-बि फ़िल मालि वल अहि्ल व अअूज़ुबि-क मिनल हौरि बअ दल कौरि व दअ वतिल मज़्लूम

इस दुआ को पहले हमने अरबिक में दिया है जिसे पढ़ना सबसे बेहतरीन मन जाता हैं बाद में हमने इसे हिंदी में भी दिया हैं। आप जब सफर को शुरू करते हैं तब इससे पहले की दुआ को पढ़ सकते हैं। पर, आपको अगर सफर शुरू होने के बाद कुछ देर से याद आया की आपको Dua को पढ़ना हैं, तो आप ये दुआ को पढ़ सकते हैं। आप जान गए की सफर के दौरान कोनसी दुआ को पढ़नी चाहिए। अब इसके तर्जुमे को जान लेते हैं। 

Tarjuma

ये अल्लाह ! हम इस सफर में ईमानदारी और तकवा से भरे रहने की दुआ करते हैं और आपके राज्य में रुचिकर काम करने की अमल की मांग करते हैं। हे अल्लाह, हमारे लिए यह सफर आसान कर दीजिए और हमारे लिए दूरी कम कर दीजिए। हे अल्लाह, यह आपका सफर है और आप हमारे साथ हैं और हमारे सभी कामों का सफलता आपके हाथ में है। हे अल्लाह, हम यात्रा के दौरान दुखों और मुश्किलों से बचने की दुआ करते हैं और माल और परिवार के लिए अच्छी तरह से वापस लौटने की दुआ करते हैं। हे अल्लाह, हमें अपनी अपनी मकामात की परवाह किए बिना आपकी जन्नत की दुआ करते हैं।

Station Pr Pahuchne ke bad ki Dua

जब आप कुछ सफर को तय कर किसी स्टेशन पर पहुँच जायेंगे, तो आप अल्लाह को यद् करना न भूले, जिसने आपके सफर को बढ़िया   बनाया। जब आप स्टेशन पर दाखिल हो तब ये दुआ को पढ़े। 

أَعُوذُ بِكَلِمَاتِ اللَّهِ التَّامَّاتِ مِنْ شَرِّ مَا خَلَقَ

अउजुबिल्लाहि मिनश्शैतानिर रजीम।
बिस्मिल्लाहिर रह्मानिर रहीम।
आ'ऊजु बिल्लाहि ताव्वातिल कामिलाति मिन शर्रि मा खलक़।

अल्लाह के पुरे लफ्जों  की मदद से मैं उन शर से बचने के लिए रोक लगाता हूँ जो उसने बनाया है।

अगर आपको जिस जगह जाना था, वो जगह नहीं आयी हैं, पर आपको गाड़ी बदलने के लिए स्टेशन पर उतरना हैं, तब भी आपको ये दुआ को पढ़ना चाहिए। अगर आप इस दुआ को याद करले तो अच्छा हैं, लेकिन  अगर आपको याद नहीं हो पा रही हैं, तो आप हमारी वेबसाइट पर आकर इसे पढ़ सकते हैं। ये दुआ छोटी हैं इसकी वजह से आपको इसे पढ़ने में ज्यादा देर नहीं लगने वाली। 

मंज़िल या बस्ती में दाखिल होने पर 

आपको जहा जाना था उसके लिए आपने बोहोत तैयारियां की थी। वहाँ पहुंचने के लिए आपने सफर तय किया, अब आपको आपकी मंज़िल मिल गयी, तो आपको ये दुआ को पढ़ना चाहिए। इसके बाद आप अपने मंज़िल पर जाकर मजे ले सकते हैं। 

اللَّهُمَّ بَارِكْ لَنَا فِيهَا

अल्लाहुम-म बारिक लना फ़ीहा

ऐ अल्लाह, तू हमें इस में बरकत दे।

ये दुआ को आप अपने मंज़िल और फिर वापस घर पहुंचने पर भी इस्तेमाल कर सटे हैं। इसके बाद आप निचे दी गयी दुआ पढ़े।  

اللَّهُمَّ ارْزُقْنَا جِنَاهَا وَحَبِّبْنَا إِلَى أَهْلِهَا وَحَبِّبْ صَالِحِي أَهْلِهَا إِلَيْنَا

अल्लाहुम-मर्ज़ुक़्ना जना हा व हब्बिब्ना इला अहिल हा व हब्बिब सालिही अहिलहा इलैना। 

Tarjuma:  ऐ अल्लाह, तो हमें इसके मेवे नसीब फ़रमा तथा यहां के बाशिंदों के दिलों में हमारी मोहब्बत तथा यहां के नेक लोगों की मोहब्बत हमारे दिलों में पैदा फ़रमा दें।

जब आप आपका सफर पूरा कर लेते हैं तो आपके साथ बोहोत सारी खूबसूरत यादें होती हैं। आप आपके सफर के दौरान सलामत रहे इसलिए अल्लाह से शुक्रिया अदा करो। जब आप घर जाने के लिए निकल पड़ोगे तब इस दुआ को जरूर पढ़े।  

सफर / Travel क्या हैं? 

अब हम इसके बारे में कुछ बातें बताते हैं की इस्लाम के अनुसार सफर किसे कहा जाता हैं। आपको बता दूँ की अलग इमामों की इस बारे में अलग राय सामने आती हैं। कुछ इमाम कहते हैं की सफर को कितना अंतर पार किया इसपर तय करे, और कुछ कहते हैं की कितने दिनों तक आपने सफर किया इसपर तय होगा की ये सफर हैं या नहीं। 

कुछ जगहों पर ९० किलोमीटर के अंतर पार करने पर सफर माना जाता हैं, तो कही पर २ दिनों तक सफर किये जाने पर सफर माना जाता हैं।  मगर आपको इन बातों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं हैं। आप सिर्फ ध्यान रखिये की Safar ki Dua पढ़ना हैं, जो हमने ऊपर  एक्सप्लेन  की हैं। 

आखरी बातें 

सफर करना जीवन बदलने वाला एक्सपीरियंस हो सकता है अगर आप प्लानिंग करके जाये तो। इससे आपको नए लोग , खाना ,और  नयी जगहों का ज्ञान मिलता हैं। हमने इस वेबसाइट आपको सफर में आवश्यक बातें जिसमे सफर की दुआ शामिल हैं उसको शेयर किया हैं।  

सफर के आखिरी दिनों में तैयारियां शुरू करना एक दिमाग को दर्द देने वाला काम हो सकता हैं। अचानक प्लानिंग करने से कई बार आपकी कुछ चीजे छूट जाती हैं, इसलिए जब भी सफर करना हो तो पहले ही उसकी पूरी प्लानिंग करले। इसमें आपकी गाड़ी की टिकट, ट्रेवल इन्शुरन्स, पासपोर्ट, वीजा, होटल बुकिंग, और आइडेंटिटी कार्ड का खास ख्याल रखे। इसके साथ ही अपने एल्क्ट्रॉनिक्स देवीकेस को अच्छी तरह से चेक और चार्ज करके रखिए, ताकि सफर में कोई दिक्कत न हो।  

आप जब एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं, ये किसी बस, प्लेन , या रेलवे से हो सकता हैं, उसे सफर कहा जाता हैं। जब आप सफर पे निकलेंगे तो पहले वुजू करले और बाद में सफर की दुआ को पढ़ ले। इसके बाद स्टेशन पर पहुंचने और मंज़िल पर पहुँचने पर भी दुआ को पढ़े, जो हमने बताई हैं। अगर, आपको इस विषय में कोई सवाल हैं, तो आप हमें कांटेक्ट कर सकते हैं।